हमारे भारत देश में सभी धर्मो के लोग निवास करते है | हमारे देश में ऐसे कई मंदिर है जोकि अपने चमत्कारों के कारण प्रसिद्ध है | हमारा देश आस्था का केंद्र है | हमारे देश में हजारो चमत्कारी मंदिर है | चमत्कारों के कारण लोग दूर दूर से भगवान के दर्शन करने के लिए आते है आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारें में बताएँगे जहा केसर और चन्दन की बारिश होती है | जी हाँ दोस्तों ये सच है | वो कोनसा मंदिर है चलिए दोस्तों जानते है उस मंदिर के बारें में...
हम जिस मंदिर की बात कर रहे है उसका नाम मुक्ति गिरी जैन तीर्थ है | ये मंदिर मध्य प्रदेश के बैतुले जिले में स्थित है | मुक्ति गिरी जैन मंदिर सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच घने जंगलो में बसा हुआ है | यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है | इस मंदिर के पास में एक झरना है इस झरने से पानी लगभग 250 मीटर ऊंचाई से गिरता है | ये झरना इस जगह को और भी सुन्दर बना देता है |
इस मंदिर के बारें में ऐसा कहा जाता है की यहाँ पर हर अष्टमी चौदस को केसर और चन्दन की बारिश होती है | आप इस बात को जानकार आप जरूर आचार्य में पड़ गए होंगे और आपको यकीन भी नही हो रहा होगा | लोक कथाओं की बात करें तो यहाँ हजारो साल पहले एक मुनि ध्यान कर रहे थे तभी यहाँ एक मेंढक पहाड़ की छोटी से गिरकर मर गया | उसके बाद मुनि ने उस मेढक को उठाया और उसके कान में णमोकार मंत्र का जाप किया | इस मंत्र का जाप करने से मेंढक को स्वर्ग में देवगति की प्राप्ति हुई | उसी समय से इस पर्वत का नाम मेंढ़गिरि पर्वत पड़ गया |
उसके बाद जब मेढक मुनि के दर्शन के लिए आया तो उस समय केसर और चांदना की बारिश हुई थी | तभी से ये मान्यता प्रचलित है और हर अष्टमी और चौदस को यहाँ केसर और चन्दन की बारिश होती है | इस पर्वत श्रेणी पर लगभग छोटे बड़े 52 मंदिर है लेकिन सबसे ज्यादा श्रद्धलु मुक्ति गिरी जैन मंदिर पर ही आते है | यदि आप इस मंदिर जायेंगे तो आपको लगभग 600 सीढिया चढ़कर जाना होगा | अष्टमी और चौदस के दिन इस मंदिर के दर्शन करना शुभ माना जाता है |